बारिश का मौसम आते ही लोगों को बाहर घूमने जाने का एक बहाना मिल जाता है लेकिन बारिश अपने साथ कई तरीके की बीमारियां भी साथ लेकर आता है आपको पता होगा अक्सर बारिश में लोगों को बुखार आना लाजमी है लेकिन क्या आपने कभी इस बात को ध्यान दिया है कि बुखार आता क्यों है। कई बार यह मलेरिया के लक्षण भी हो सकते है।
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कई बार इस बुखार आने के पीछे का कारण मच्छरों के काटने के द्वारा फैला हुआ मलेरिया भी हो सकता है। डरिया बिल्कुल नहीं हम आपको यहां डरा नहीं रहे हैं हम आपको सिर्फ यह जानकारी दे रहे हैं कि मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है।
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो जनसंख्या के कई हिस्सों में व्याप्त है एक रोग जिसने दुनिया भर में हजारों लोगों को प्रभावित किया है, मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसे संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह एक प्रभावशाली पैराजीटिक रोग है जिसमें प्लास्मोडियम प्रोटोज़ोएन नामक माइक्रोस्कोपिक जीवाणु संक्रमित होता है। इस रोग का प्रमुख बाध्यकारी मादा मच्छर होता है, जो एनोफीलिस मच्छर के नाम से प्रसिद्ध है।
मलेरिया भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से प्रचलित है और इसके कारण वहां के लोग इससे पीड़ित होते रहते हैं। यह रोग लकवा, बुखार, थकान, मुंह में अम्लीय रस प्रवाह, मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होने वाली क्रियाएं कम होने आदि कई लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है।
इस रोग का उपचार करने के लिए विशेषज्ञों ने अनेक औषधियां और उपाय विकसित किए हैं। दरअसल, इसके उपचार में एंटीमालेरियल दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जो संक्रमण को नष्ट करने में सहायता करते हैं। इसके अलावा, एक स्वस्थ और सुरक्षित माहौल बनाना भी महत्वपूर्ण होता है ताकि इस रोग के मच्छरों द्वारा फैलने की संभावना कम हो सके।
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मलेरिया के लक्षण
मलेरिया एक बायोलॉजिकल रोग है, जो मुख्य रूप से मादा एनोफेलीज़ मच्छरों के काटने से फैलता है। मलेरिया के लक्षणों के बारे में बात करें तो यह बहुत चर्चित विषय है। यहां मलेरिया के कुछ मुख्य लक्षणों की चर्चा की जाएगी:
- बुखार: मलेरिया इंफेक्शन के प्रमुख लक्षणों में से एक है बुखार। यह बुखार आपको अचानक आने वाले उबाऊ और ठंडी के अवसरों में होता है। यह बुखार कभी तेज तो कभी कम हो सकता है , पीड़ित व्यक्ति को अचानक से तेज ठण्ड लग कर बुखार आता है तो यह मलेरिया का लक्षण होता है, इस परिस्तिथि में डाक्टर से तुरंत सम्पर्क कर खून की जाँच करवाना आवश्यक हो जाता है।
- थकान: अगर आप बिना किसी शारीरिक या मानसिक काम किए भी बहुत थक जाते हैं, इसमें आपको ऐसा लगेगा कि आप बैठे-बैठे भी थक रहे हैं आपकी सांसे फूल रही हैतो यह मलेरिया का एक लक्षण हो सकता है।
- सिरदर्द: मलेरिया के इंफेक्शन के समय सिर में दर्द हो सकता है,अगर आपको मलेरिया है तो आपका सर कुछ इस तरीके से धोखे का मानो आप के सर के ऊपर किसी ने बहुत बड़ा पत्थर रख दिया है सर में वजन बढ़ जाएगा सर बेहद गंदे तरीके से दर्द करेगा। जो आपके दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है।
- नींद की कमी: एक अन्य लक्षण जिसे मलेरिया से जोड़ा जाता है वह है नींद की कमी। मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को रात में अधिक नींद की इच्छा हो सकती है, लेकिन उन्हें उच्च तापमान के कारण रात में आराम नहीं मिलता है।मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को अधिक तेज बुखार आने की वजह से और सिर दर्द होने की वजह से ना तो रात में नींद आती है और ना ही दिन में वह व्यक्ति ठीक से सो पाता है
- न्यूरोलॉजिकल लक्षण: कई मामलों में, मलेरिया से प्रभावित व्यक्ति को न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे कि दिमागी थकान, मनोविषाणु समस्याएं और मानसिक उद्वेग।
- उल्टी और उल्टी की भावना: मलेरिया के मरीज़ को उल्टी की भावना भी हो सकती है, कई बार आपको ऐसा लगेगा कि आपको उल्टी होने वाली है लेकिन उल्टी होती नहीं है।जो उनके आहार और पोषण को प्रभावित कर सकती है।
- दुर्बलता : मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को आपात रूप से दुर्बलता की भावना होती है, जो उनकी दुर्बलता को दर्शाती है।तेज बुखार आना खाने की इच्छा ना होने की वजह से कई बार मलेरिया पीड़ित व्यक्ति को दुर्बलता या यह कहें कि कमजोरी महसूस होने लगती है व्यक्ति किसी भी काम को नहीं कर पाता है यहां तक कि कई बार देखने में आया है कि व्यक्ति अपने बिस्तर से भी नहीं उठ पाता इतनी कमजोरी रखती महसूस करता है
- पेट दर्द : मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को पेट में दर्द और उल्टी की समस्याएं हो सकती हैं, जो उनके खान-पान को प्रभावित कर सकती हैं। जिस जिस प्रकार सिरदर्द तेज होता है उसी प्रकार मलेरिया पीड़ित व्यक्ति को पेट में भी काफी तेज दर्द होता है जो की असहनीय होता है।
- श्वसन संबंधी लक्षण: मलेरिया के मरीज़ को दमा जैसे श्वसन संबंधी लक्षण भी हो सकते हैं, जिन्हें उन्हें सहन करना पड़ता है। कई बार व्यक्ति को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है जो कि मलेरिया के लक्षणों में से एक है।
- अंगों का सूजन: कुछ मामलों में, मलेरिया से प्रभावित व्यक्ति के शरीर के अंगों में सूजन हो सकती है, जो उनकी चाल फिरासत को प्रभावित कर सकती है। विशेषकर के हाथ पैर हमें ज्यादा सूजन आती है जिससे व्यक्ति चल फिर भी नहीं पाता है।
यहां मलेरिया के कुछ मुख्य लक्षणों की सूची है। यदि आपको इन लक्षणों में से किसी एक या अधिक को अनुभव होता है, तो आपको तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
मलेरिया को रोकने के लिए अधिकतर देशों ने जनसंख्या को जागरूक करने, दवाइयों का वितरण और अधिक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण के लिए अभियान चलाए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, बहुत सारे देशों में मलेरिया के मामले में सुधार देखा गया है।
इस रोग के संबंध में अधिक जागरूकता और समझ से लाभ उठाने के लिए, लोगों को इसके बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। विशेषज्ञों के सलाह का पालन करके, सुरक्षित रहकर और स्वच्छता का ध्यान रखकर हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं।
कुल मिलाकर, मलेरिया एक जटिल और गंभीर बीमारी है जिसके प्रकटन के पीछे कई कारण हैं। इसकी पहचान, उपचार और रोकथाम में जनता की सहभागिता की जरूरत होती है। इसलिए, मलेरिया के बारे में जागरूकता फैलाना और संबंधित नीतियों का पालन करना आवश्यक है ताकि हम संघर्ष करके इस खतरे से निपट सकें।
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