नीपा वायरस (NiV) एक उभरता हुआ, संभावित रूप से काफी घातक वायरस है जो श्वसन रोग और एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) का कारण बनता है। Nipah Virus Symptoms हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, अभी यह वायरस भारत के केरला में देखा गया है ,
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निपाह संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर केरल के राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि केरल में देखा गया वायरस का प्रकार बांग्लादेश संस्करण है जो मानव से मानव में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है, हालांकि यह कम संक्रामक है। स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को पुष्टि की कि निपाह संक्रमण के कारण सोमवार को कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में दो व्यक्तियों की मौत हो गई।
बुखार आना :- बुखार आना इस संक्रमण का काफी सामान्य लक्षण देखा गया है इस संक्रमण में व्यक्ति को सामान्य बुखार से ग्रसित देखा गया है बुखार का तापमान कम ज्यादा होता रहता है।
सिरदर्द होना :- इस संक्रमण से संक्रमित व्यक्ति को तेज सिर दर्द की शिकायत देखी गई है जो अचानक से बढ़ जाती है।
गले में खराश होना :- अगर व्यक्ति इस संक्रमण से संक्रमित है तो उसके गले में खराश की संभावनाएं भी बढ़ जाती है और कुछ भी खाने-पीने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
खाँसी होना :-इस संक्रमण में व्यक्ति में सूखी खांसी देखी गई है जिसकी वजह से गले में खराश और तेज सिर दर्द भी होता है।
मांसपेशियों में दर्द होना :- जिस प्रकार चिकनगुनिया के संक्रमण में व्यक्ति के मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द महसूस होता है ठीक उसी तरह इस संक्रमण में भी मांसपेशियों में दर्द और काफी तेज खिंचाव महसूस होता है।
दस्त लगना :-कुछ सामान्य मरीजों में इस संक्रमण में दस्त की शिकायत भी देखी गई है।
उल्टी होना :-दस्त के साथ ही व्यक्ति में उल्टी की संभावनाएं भी प्रबल देखी गई है
दौरे पड़ना :-कुछ खास मरीजों में इस संक्रमण के चलते दौरे भी देखे गए हैं।
कोमा:- अत्यधिक गंभीर परिस्थितियों में व्यक्ति इस संक्रमण के चलते कोमा में भी जा सकता है यह भी एक लक्षण पाया गया है।
गंभीर मामलों में, NiV Encephalitis का कारण बन सकता है, जो व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन सकता है। वायरस के संपर्क में आने और लक्षणों की शुरुआत के बीच का समय आमतौर पर 4-14 दिन का होता है, लेकिन यह 2 से 45 दिनों तक हो सकता है। Nipah Virus Symptoms
NiV संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार फिलहाल उपलब्ध नहीं है, और मोजुदा उपचार सिर्फ सहायक है। इसमें बुखार को नियंत्रित करने, दर्द को कम करने और निमोनिया जैसे जटिलताओं को रोकने के उपाय शामिल हैं। गंभीर मामलों में, व्यक्ति को वेंटिलेशन पर रखने तक की आवश्यक हो पड़ सकती है।
NiV वायरस का प्रसार संक्रमित जानवरों जैसे कि फल, चमगादड़ के लार, खून या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से होता है। यह दूषित सतहों या वस्तुओं के संपर्क में आने से भी बहुत हद तक फैल सकता है।
NiV के लिए फिलहाल अभी कोई टीका बाजार में उपलब्ध नहीं है, लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि चमगादड़ों और अन्य जानवरों से संपर्क न करना तथा जो इस संक्रमण से संक्रमित हो उनसे उचित दुरी और अच्छे व स्वच्छ स्थान पर रहना।
यदि आपको लगता है कि आप NiV के संपर्क में आ सकते हैं, या किसी एहसे व्यक्ति के सम्पर्क में आये है जो इस संकरण से ग्रसित है तो कृपया तुरंत अपने चिकित्सक से सम्पर्क करे।
अगर आपको भी उपरोक्त किसी लक्षण की शिकायत अपने शरीर में दिखाई देती है तो कृपया तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उचित जांच करवाए ताकि समय रहते आप इस संक्रमण से बचाव कर सके।
Nipah Virus Symptoms अभी जो मौजूद जानकारी हमारे पास है हमारे द्वारा आपको वह प्रदान की गई है समय-समय पर या अलग स्थान पर इस वायरस के symptoms अलग भी हो सकते हैं इसकी लिए हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
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