मिर्गी के दौरे में क्या नहीं खाना चाहिए :- मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार होता है जो मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होता है। यह दौरे, भ्रम, और संवेदनशीलता में कमी जैसी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। मिर्गी का कोई शर्तिया इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं और व्यक्तिगत जीवनशैली में बदलाव से दौरों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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मिर्गी की बीमारी में दौरे पड़ सकते हैं, जो अचानक, अनियंत्रित व्यवहार में परिवर्तन के रूप में प्रकट हो सकते हैं। मिर्गी के दौरे कई तरह के कारकों से ट्रिगर हो सकते हैं, जिनमें नींद की कमी, तनाव, खाद्य पदार्थ और दवाएं शामिल हैं।
आमतोर पर मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करने वाले कई कारक हो सकते हैं, जिनमें से एक खानपान भी है। कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करने या उन्हें और खराब करने में योगदान कर सकते हैं। अगर आपको नहीं है जानकरी तो हम यहाँ आपके लिए उपलब्ध करवा रहे है।
उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ: उच्च चीनी(शक्कर) वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ जैसे कैंडी, सोडा, और ज्यूस,मिठाई, फलों का रस, जंक फूड, ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जो मिर्गी के दौरे को ट्रिगर कर सकते है।
कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ: कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ जैसे कॉफी, चाय, कोला , चॉकलेट और सोडा मस्तिष्क को अचानक से उत्तेजित कर सकते हैं, जो दौरे को ट्रिगर कर सकता है।
शराब: शराब मस्तिष्क को दबा सकती है, जो दौरे को ट्रिगर कर सकता है। वेसे अगर किसी को मिर्गी की बीमारी है तो उसे किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाइए , खासतोर पर शराब यह आपके स्वास्थ के लिए काफी ज्यादा हानिकारक हो सकती है।
अत्यधिक तला हुआ और/या मसालेदार भोजन: अत्यधिक तला हुआ /या मसालेदार भोजन मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकता है, जो दौरे को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए इसे भी खाने से बचना चाइये।
कुछ प्रकार की फाइटोकेमिकल्स: कुछ प्रकार की फाइटोकेमिकल्स जैसे टेओब्रोमाइन (चॉकलेट में मौजूद) और सैलिसिलेट (अनानास, स्ट्रॉबेरी, और कुछ अन्य फलों में मौजूद) मिर्गी के दौरे को ट्रिगर कर सकते हैं।
प्रोटीन के उच्च स्तर वाले खाद्य पदार्थ: प्रोटीन के उच्च स्तर वाले खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल होता है, जिससे मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं: मांस, मछली, अंडे, नट्स, सीड्स इनका सेवन आपके लिए घातक हो सकता है।
कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थ: कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों को कुछ लोगों में मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है। इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं: अल्कोहल, चॉकलेट, कुछ प्रकार के नट्स, कुछ प्रकार के सीड्स, कुछ प्रकार की सब्जियां, जैसे फूलगोभी, ब्रोकोली और पालक इनके सेवन से भी बचना चाइये ।
मिर्गी से पीड़ित को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे पर्याप्त नींद और व्यायाम करते रहे । नींद की कमी और तनाव भी मिर्गी के दौरे को ट्रिगर का कारण बन सकते हैं।
इन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन बंद करने से मिर्गी के दौरों को रोकने या कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हर किसी के लिए मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करने वाले कारक अलग-अलग हो सकते हैं। किसी व्यक्ति के लिए जो दौरे को ट्रिगर करता है, वह दूसरे के लिए नहीं ट्रिगर कर सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि मिर्गी से पीड़ित लोग अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से बात करें कि उनके लिए क्या खाना सुरक्षित है। और अपने डाक्टर के कहे अनुसार ही अपने खानपान में बदलाव करे।
यदि आप मिर्गी से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। आपके डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर आपको सही जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
मिर्गी एक असामन्य बीमारी है जो कभी भी कही भी दौरे के रूप में आ सकती है इसलिए मिर्गी के दौरे को रोकने या कम करने के लिए, मिर्गी से पीड़ित लोगों को अपने आहार में निम्नलिखित बदलाव करने चाहिए:
स्वस्थ आहार खाएं: स्वस्थ आहार से मतलब है फलों, सब्जियों, और साबुत अनाज से भरपूर आहार। इन खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। यह आपके स्वास्थ के लिए काफी अच्छा रहेगा।
नींद पर्याप्त लें: नींद की कमी मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है और दौरे को ट्रिगर कर सकती है। इसलिए, मिर्गी से पीड़ित लोगों को प्रतिदिन रात के समय में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। वरना यह आपके स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव छोड़ेंगे ।
व्यायाम नियमित रूप से करें: व्यायाम नियमित रूप से करना मूड और तनाव को कम करने में मदद करता है, और उस परिस्थिति जिसमे मिर्गी के दौरे ट्रिगर हो होते है उस पर काबू रख सकते है।
तनाव को करें कम: तनाव हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित कर सकता है और दौरे को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए, मिर्गी से पीड़ित लोगों को तनाव को कम करने के स्वस्थ तरीके खोजने चाहिए, जैसे व्यायाम, योग, ध्यान या जिस काम को करने से आपको सुकून मिलता है वह करे ।
नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श : इसके अलावा अगर आपको इस बीमारी की शिकायत है तो आपको समय-समय पर अपने डॉक्टर से सलाह विमर्श करते रहना चाहिए ताकि भविष्य में अचानक कभी इस प्रकार की कोई स्थिति निर्मित ना हो।
उपरोक्त दिए गए इन सुझावों को अगर आप अपने जीवन में अमल पर लाते हैं तो निश्चित ही आपको मिर्गी के दौर में लाभ प्राप्त होगा लेकिन इन उपायों के प्रयोग के साथ-साथ आपको डॉक्टर से उपचार करना भी आवश्यक रहता है उनके द्वारा दी गई दवाइयां का सेवन समय पर करते रहे उनके द्वारा बताए गए खान-पान की वस्तुओं का परहेज बनाए रखें।
मिर्गी एक एह्सी समस्या है जो कहीं पर भी अचानक से आपको दौरे के रूप में आ सकती है इसके बचाव के लिए हमारे द्वारा बताए गए सभी सुझावों का प्रयोग करें और अपने जीवन को स्वस्थ बनाए रखें।
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